अब पवित्र करे हर वो व्यक्तित्व पिता की छवि पाना चाहे। अब पवित्र करे हर वो व्यक्तित्व पिता की छवि पाना चाहे।
महलों की दीवारे क्या जाने , जंगल की आग को सिर से छत गिरा दे , तो बाबा के बटुवे का फ़र्ज़ सम... महलों की दीवारे क्या जाने , जंगल की आग को सिर से छत गिरा दे , तो बाबा...
लेकिन किससे पूछूँ, कि ये बाबूल के आंगन की, चिड़िया देश पराये क्यों, जाती है। लेकिन किससे पूछूँ, कि ये बाबूल के आंगन की, चिड़िया देश पराये क्यों, जात...
हम एक घर छोड़कर दूसरे घर जाएंगे ऐसे जैसे कि वही घर हो। हम एक घर छोड़कर दूसरे घर जाएंगे ऐसे जैसे कि वही घर हो।
सुखद भविष्य के सपने जल रहे हैं धूं-धूं कर....। सुखद भविष्य के सपने जल रहे हैं धूं-धूं कर....।